Saturday, July 25, 2009

हमारा समाज

हम दुनिया के सबसे प्राचीन समाज के बाशिंदे है। परन्तु इसमे बुराईया बहुत है। जहाँ राम लक्ष्मण भाई हुए है। वहाँ आज एक दूसरे का खून पीने वाले भाई भी है । हमारे पवित्र रिश्ते तार तार हुए है। हम अच्छे है ये कहने मई भी डरते है। हम इंसान है इस बात को भूल हम जानवर बन चुके है। हमारी प्राचीन न्याय व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। हमारा हिन्दुस्तान बदल गया है। जहाँ शिक्षा बड़ी है वहाँ एक और हम अपनी संस्कृति भूल चुके है ।
आओ हम एक सु संस्कृत भारत का निर्माण करे । अपने भारत का नव निर्माण करे।
जय हिंद । जय भारत

Friday, July 24, 2009

मई विजेता HOO

पता है क्या आपको बड़ी सोच रखने वाला हमेशा जीतता है । कई बड़े लोग जो बड़ा सोचते थे जब वोह छोटे थे आज वोह विजेता है । हम शुरुआत तो छोटे से करते है पर अपनी सोच के बल पर बड़ा बनते है । बड़ी सोच आपको महान बनाती है । कई छोटे लोग बड़ा सोचने के बल पर नई बुलंदियों को छु गए। जो लोग छोटा सोचते है वोह पीछे रह जाते है। मै महान हूँ ये आपकी महानता का प्रतीक है । मै बुरा हूँ ये आपके घटिअपन का प्रतीक है।/ मै शायद बड़ा सोचता हूँ शायद मै एक दिन महान आदमी बन जावू।

मे अकेला हूँ

जब आप अकेले होते है तब आप की और कोई धयान नही DETA

Sunday, July 5, 2009

क्या आप अकेले हैं ?

कभी कभी आप को लगता है की आप अकेले पड़ गए हैं तो उस समाज मैं जाएँ जहाँ आप की जरुरत है। जहाँ लोग आप को पूछते है। कई बार हम ये सोचते है की लोग हमे अकेला छोड़ देते है। पर ये ग़लत है उन ख़ुद लोगों से काटने की कोशिस करते है इसलिए वोः हमे छोड़ देते है। गलतिया हम ख़ुद करते है दोष दूसरो को देते है हम ग़लत होते हुए भी दूसरे को इसका दोषी ठहराते है । हमार गलती की सजा दूसरों को भुगतनी पड़ती है। इस समाज मई कई लोग अपने आप को एक दूसरे से बेहतर समझते है पर वो ग़लत होते है । हम ग़लत है। इसको आपको माना पड़ेगा । हम अपने आपको इसलिए सुधर नही पते क्योंकि हम दूसरो की गलतियां देखते है या दूसरों को सुधरने की कोशिस करते हैं। जिस दिन हमने अपनी आपको सुधरने की कोशिस की उस दिन हम दुनिया के सबसे बेहतर इंसान बन जायेंगे।