Wednesday, May 9, 2012

vizag the good city

this is first time that i came to vizag. this city is full of nature and open heart city. altough i am from u.p. but i am happy to know that the people knows good hindi than any other non hindi states. i am happy with this. if you come to vizag please see the simachlam temple and r.k. beach

whats going on?

Hi all

how are you? and whats going on ? are everybody is happy with there life?

today mordenisation has been changed our life and our life is full of tension. todays youth never listen to other. they always listen to their heart. so this type of behaviour is creating tension

Tuesday, May 18, 2010

ये दुनिया

ये दुनिया बहुत ही सुन्दर है । जब तक मै अपने शेहर में रहा तब तक अपने शेहर को ही दुनिया का ज्यादा सुन्दर शेहर समझा अब जब कई शेहर कई देश देखने के बाद दिल मै ये एहसास हे की ये दुनिया बहुत छोटी नहीं है। जब तक आप बहार नहीं निकलते तब तक आप कुएं के मेदक की तरह है। बहार निकलने के लिए परिवार का मोह त्यागना पड़ता है। ये एक सन्यास की तरह है। दुनिया जितनी बुरी है उतनी अच्छी भी है। ये दुनिया बुरी भी हमारी वजह से है और अच्छी भी हमारी वजह से। क्यों न हम उन सब सीमाओं को काट दे जो हम लोगों को अलग करती है। हम को कहीं भी जाने की अज्जादी हो। रंग रूप का कोई भेद न हो। कोई धर्म न हो। कोई जाती ना हो। सामान मुद्रा हो। एक सरकार हो। एक ही देश हो। इससे ज्यादा क्या चाहिए।

अच्छा अब मै चलता हूँ । एक नए शहर की तलाश मै। और वोः है औरंगाबाद और जलगाँव। जो की महारास्त्र के दो ऐतिहासिक शहर है।

Sunday, November 29, 2009

सानिया मिर्ज़ा

सानिया एक बहुत बेह्त्रिएन खिलाड़ी है । उनोहने अपने खेल से अपने नाम को बहुत ऊँचा किया है। वोः हिंदुस्तान की पहली ऐसी खिलाड़ी है जिन्होंने अंतरास्ट्रीय परिद्रस्यों मै बहुत नाम किया है। वो एक ऐसी खिलाड़ी है जिसको सभी को अपना आदर्श बनाना चाहिए। वो शायद मेरी उमर की है और मै उनका बहुत सम्मान करता हूँ और उनका गेम मै शायद उसी समय से देख रहा हूँ जिस उमर से उनोहने खेलना चालू किया ।

Sunday, August 9, 2009

lets talk about your imotions: ताजमहल

lets talk about your imotions: ताजमहल

ताजमहल

ताजमहल एक सुंदर ईमारत है । मेरा जनम इस के आस पास की गलियों में हुआ है । सवेरे सवेरे जब हम स्कूल जाते थे तब ये बहुत सुंदर दीखता था। आज हम इस के साए से बहुत दूर है। मुझे आज भी वोः गलिया याद है। जब हम कॉलेज से बंक मार के ताज महल पहुँचा करते थे वो दिन भी मुझे याद है। एक बार मुझे मेरे पापा ने ताज महल में कॉलेज से बंक मार कर घूमते हुए देख लय था तब तोह पापा ने मुझे कुछ नही कहा पर घर आकर मेरी जो पिटाई लगी वो आज भी याद है । आज मै दिल्ली मै इंजिनियर हूँ । पर आज भी वो गलिया याद है ।

दिल्ली मेरा शहर

दिल्ली मेरा शहर

आ़ने वाला पल

आने वाले पल के बारे में कोई नही जानता यहाँ तक की बहुत बड़े ज्योतिष शास्त्री भी। जो कोई कहता है मै भविष्य जानता हूँ वोह भी अपना भिविस्य नही जानता । मै कोई ज्ञानी नही हूँ बस अपने मन की खुशी के लिए ही लिखता हूँ ।

Saturday, July 25, 2009

हमारा समाज

हम दुनिया के सबसे प्राचीन समाज के बाशिंदे है। परन्तु इसमे बुराईया बहुत है। जहाँ राम लक्ष्मण भाई हुए है। वहाँ आज एक दूसरे का खून पीने वाले भाई भी है । हमारे पवित्र रिश्ते तार तार हुए है। हम अच्छे है ये कहने मई भी डरते है। हम इंसान है इस बात को भूल हम जानवर बन चुके है। हमारी प्राचीन न्याय व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। हमारा हिन्दुस्तान बदल गया है। जहाँ शिक्षा बड़ी है वहाँ एक और हम अपनी संस्कृति भूल चुके है ।
आओ हम एक सु संस्कृत भारत का निर्माण करे । अपने भारत का नव निर्माण करे।
जय हिंद । जय भारत

Friday, July 24, 2009

मई विजेता HOO

पता है क्या आपको बड़ी सोच रखने वाला हमेशा जीतता है । कई बड़े लोग जो बड़ा सोचते थे जब वोह छोटे थे आज वोह विजेता है । हम शुरुआत तो छोटे से करते है पर अपनी सोच के बल पर बड़ा बनते है । बड़ी सोच आपको महान बनाती है । कई छोटे लोग बड़ा सोचने के बल पर नई बुलंदियों को छु गए। जो लोग छोटा सोचते है वोह पीछे रह जाते है। मै महान हूँ ये आपकी महानता का प्रतीक है । मै बुरा हूँ ये आपके घटिअपन का प्रतीक है।/ मै शायद बड़ा सोचता हूँ शायद मै एक दिन महान आदमी बन जावू।

मे अकेला हूँ

जब आप अकेले होते है तब आप की और कोई धयान नही DETA

Sunday, July 5, 2009

क्या आप अकेले हैं ?

कभी कभी आप को लगता है की आप अकेले पड़ गए हैं तो उस समाज मैं जाएँ जहाँ आप की जरुरत है। जहाँ लोग आप को पूछते है। कई बार हम ये सोचते है की लोग हमे अकेला छोड़ देते है। पर ये ग़लत है उन ख़ुद लोगों से काटने की कोशिस करते है इसलिए वोः हमे छोड़ देते है। गलतिया हम ख़ुद करते है दोष दूसरो को देते है हम ग़लत होते हुए भी दूसरे को इसका दोषी ठहराते है । हमार गलती की सजा दूसरों को भुगतनी पड़ती है। इस समाज मई कई लोग अपने आप को एक दूसरे से बेहतर समझते है पर वो ग़लत होते है । हम ग़लत है। इसको आपको माना पड़ेगा । हम अपने आपको इसलिए सुधर नही पते क्योंकि हम दूसरो की गलतियां देखते है या दूसरों को सुधरने की कोशिस करते हैं। जिस दिन हमने अपनी आपको सुधरने की कोशिस की उस दिन हम दुनिया के सबसे बेहतर इंसान बन जायेंगे।

Monday, April 20, 2009

मै सफल हूँ

मैकौन हूँ इसका जवाब तोः सब दूंडने मै लगे रहते है पर एक अच्छा इंसान बनने की कोई नही सोचता सब पैसे की खोज कर रहे है अपनी अन्दर के इंसान को खोकर सब एक जानवर बन गए है आज का इंसान एक दूसरे की भावना के साथ खेलना सीख रहा है राम क्रिशन को भूल सब रावण और कंस बन्ने में लगे है अपनी आपको जानकर दूसरो को अच्छा व्यवहार करना ही इंसानियत है
जय हिंद

Monday, January 26, 2009

introduction

hi friends how are you i am sumit from maruti suzuki i m from gurgaon first we will start to share our imotions