Sunday, July 5, 2009
क्या आप अकेले हैं ?
कभी कभी आप को लगता है की आप अकेले पड़ गए हैं तो उस समाज मैं जाएँ जहाँ आप की जरुरत है। जहाँ लोग आप को पूछते है। कई बार हम ये सोचते है की लोग हमे अकेला छोड़ देते है। पर ये ग़लत है उन ख़ुद लोगों से काटने की कोशिस करते है इसलिए वोः हमे छोड़ देते है। गलतिया हम ख़ुद करते है दोष दूसरो को देते है हम ग़लत होते हुए भी दूसरे को इसका दोषी ठहराते है । हमार गलती की सजा दूसरों को भुगतनी पड़ती है। इस समाज मई कई लोग अपने आप को एक दूसरे से बेहतर समझते है पर वो ग़लत होते है । हम ग़लत है। इसको आपको माना पड़ेगा । हम अपने आपको इसलिए सुधर नही पते क्योंकि हम दूसरो की गलतियां देखते है या दूसरों को सुधरने की कोशिस करते हैं। जिस दिन हमने अपनी आपको सुधरने की कोशिस की उस दिन हम दुनिया के सबसे बेहतर इंसान बन जायेंगे।
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9 comments:
text font size badha lein to padhne mein aasani hogi
Tum mere paas hote ho ,jab koi ,dusra nahin ,hota .dost akele rahna ,khud ke saath rahna ek kala hai ,jo sab ko aani chaahiye -"dunia aani jaani dekh ,hai ye baat ,puraani dekh .bin badal ke paani dekh .Achcha likhte ho dost ,khub likho .veerubhai .
khub likha hai achcha likha hai .veerubhai .
"text font size badha lein to padhne mein aasani hogi" ये हुई ना दूसरों की गलती.....:)
akelepan ke liye ham khud jimmevar hote hai.kise ne kaha hai 'Apne apne dukh ke sukh ke ham hi sirjanhar.' Achchha likha hai.
narayan narayan
Dear Sumit Ji
Well written. I wold like to repeat the same request to invrease the font lize and give a suitable space between each line. All teh best.
Avatar Meher Baba Ji Ki Jai
Chandar Meher
avtarmeherbaba.blogspot.com
lifemazedar.blogspot.com
www.trustmeher.org
bauht achhi baat !
CHIKU CHIKU
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